Wednesday, 29 June 2016
मेरे पल में मैं अनामिका आप सबका अभिवादन करती हूँ । मैंने अभी कुछ दिनों पहले ही ब्लॉग बनाना सिखा। बहुत दिनों से सोच रही थी पर मुझे बनाना ही नहीं आता था खैर अब आ गया और मैंने बना डाला । मैं जयादा लिखना तो नहीं जानती, पर कभी-कभी कुछ- कुछ लिखने का मन जरूर करता है। चाहे वो ख़ुशी का पल हो वो गम का इसलिए मैंने अपने पेज का नाम रखा पल । क्यूंकि ये अच्छे और बुरे पल ही ऐसे होते है जिन्हे बरसो हम अपने यादो में बसा सकते है। जब हम बहुत खुश होते है तो ये पल यादगार हो जाते है, जब हम उदासी में घिरे होते है तब भी ये पल ही हमारे साथ होते है। पल ऐसे होते है जिनमे हम अपने जिंदगी को जीते है । जैसे अभी मैं आपसब के साथ मैं अपना पल साझा कर रही हूँ | आज कल की ऐसे भागती दुनिया में ये कुछ पल ही ऐसे हैं जो हमे सुकून दे जाते हैं | मैंने भी ऐसे कुछ अच्छे और बुरे पल बिताये है जिसे में लिखना चाहती हूँ | मैं ये हमेशा से यही चाहती हूँ की मेरे दुनिया से जाने के बाद मेरे अपने मुझे अपने पल में रखे | क्यूंकि जब मैं उन्हें याद करूंगी तब वो मेरे इस पेज मैं पल के रूप में उन्हें उकेर दूंगी| आप सब से भी यह आग्रह है की आप अगर चाहते है तो मेरे पेज के माध्यम से अपने पलो को मेरे साथ बांट सकते हैं|
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Dhnyawaad madam itne sundar aur nirmal shbdo ke lie...bhut hi khubsurti si aapne kitni gehri baaton ko kuch saral shbdo mei piro dia apne is post se...aasha krta hu aage bi isi trh hume achi achi rachnaaoo se awgat kraate rhiyega... :)
ReplyDeleteSure.. Thanks...
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ReplyDeletevery nice
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